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कविता

मुहावरा

नीलेश रघुवंशी


पैसे की तरह पानी मत बहाओ

पोस्टर और मुहावरों से सजा
सड़क पर पानी गिराता जाता ये टैंकर
जा रहा है उन भूखी सूखी बस्तियों की ओर
जिनके पास चुल्लू भर पानी भी नहीं
डूब मरे जिसमें ये मुहावरा...!

किसने मारी ठोकर जल से भरे लोटे को
किसने बेदखल किया मुहावरे को अपनी जगह से
किसने निचोड़ लिया पानी मुहावरे का...?

पानी की तरह पैसे मत बहाओ
पैसे की तरह पानी मत बहाओ
धन बल और जल के अपराधियों की
छपनी चाहिए तस्वीर
गिरते जल स्तर को दर्शाती सूचनाओं में!
मत बहाओ पानी
पैसे को भी मत बहाओ...!


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